
जबलपुर : स्वयं का मकान होने के बावजूद सरकारी आवास पर कब्जा जमाए रखने वाले पुलिस अफसरों से विभाग ने शपथ पत्र मांगा है। जिन्हें लिखकर देना होगा कि उनके पास मकान नहीं है। वहीं जिनके खुद या पत्नी के नाम पर मकान है उन्हें आवास छोड़ना पड़ेगा। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी, वहीं यदि शपथपत्र में गलत जानकारी दी, तो उक्त अधिकारी और जवान के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई भी की जा सकती है।
अधिकारियों और जवानों की मुसीबत बढ़ गई
पुलिस अधीक्षक कार्यालय से उन निरीक्षक, उप निरीक्षकों, सहायक उपनिरीक्षकों, हवलदार और सिपाहियों को नोटिस जारी किया गया है, जो पुलिस क्वार्टरों में रह रहे है। उन्हें जल्द से जल्द शपथ पत्र पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जमा करने के लिए भी कहा गया है। ऐसे में उन अधिकारियों और जवानों की मुसीबत बढ़ गई है, जो खुद का घर होने के बावजूद पुलिस क्वार्टरों में कब्जा जमाए हुए है।तत्काल निलम्बित कर जांच के आदेश दिए गए
बता दे कि पिछले माह पुलिस लाइंस में पदस्थ आरक्षक अभिषेक राजपूत ने छह माह पूर्व पुलिस लाइंस के ही एक क्वार्टर का ताला तोड़ा और उसमें रहने लगा। इधर क्वार्टर के लिए आवेदन देने वाले आरक्षकों को क्वार्टर नहीं मिल रहा था। पिछले माह मामले की जानकारी एसपी आदित्य प्रताप सिंह तक पहुंची, तो उन्होने पहले जांच कराई। मामले में अ भिषेक पर लगे आरोप सही पाए गए, जिस पर उसे तत्काल निलम्बित कर जांच के आदेश दिए गए।सर्वे में खुलासा
आरक्षक का मामला सामने आने के बाद एसपी सिंह ने एक-एक क्वार्टर में रहने वाले अधिकारी और जवान व क्वार्टर की िस्थति पता करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद पुलिस लाइंस समेत थानों की पुलिस लाइंस में रहने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों का पूरा ब्यौरा जमा किया गया। अब अवैध रूप से रह रहे अधिकारियों जवानों को बेदखल भी किया जाएगा।